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अपने ईमेल के माध्यम से इंटरनेट पर चल पड़ी एक बहस मुझे कुछ दिनों पहले देखने-पढ़ने मिली । मुद्दा था क्या साठ का दशक और छठा (छठां, छठवां) दशक एक ही चीज हैं? किस अंतराल को छठा दशक कहा जाएगा? इत्यादि । इस विषय पर संबंधित जनों के मध्य मुझे मतैक्य का अभाव दिखा । मुझे लगा कि बहस को अधिक व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखते हुए उस पर किंचित् विचार किया जाना चाहिए । उसी बहस से प्रेरित होकर, अपने पास उपलब्ध शब्दकोशों, अन्य सामग्री और इंटरनेट का सहारा लेकर मैंने इन शब्दों के अर्थ स्थापित करने की कोशिश की । उसी की चर्चा आगे कर रहा हूं ।

शतक, शताब्द, सेंचुरी (century)

इस विषय पर अपने विचारों का आरंभ मैं शतक एवं शताब्द से करता हूं । परिभाषा के अनुसार शतक का अर्थ है ‘सौ का समाहार या समूह’ । अंग्रेजी में इसका समानार्थी है सेंचुरी । गिनती करने योग्य किस मूर्त/अमूर्त वस्तु की बात की जा रही उसका उल्लेख शतक शब्द के साथ किया जाना चाहिए, जैसे क्रिकेट के ‘रनों का शतक’ और ऐतिहासिक महत्त्व के सौ वर्षों के अंतराल के लिए ‘वर्षों का शतक’ । इनके लिए अंग्रेजी में हम क्रमशः ‘सेंचुरी आफ् रन्ज’ एवं ‘सेंचुरी आफ् इयर्ज’ प्रयोग में लेते हैं । अंग्रेजी में अक्सर सेंचुरी मात्र कहना पर्याप्त होता है प्रसंग के आधार पर । इस प्रकार ‘फलां खिलाड़ी ने सेंचुरी बनाई’ और ‘21वीं सेंचुरी में एशियाई देशों का वर्चस्व रहेगा’ कहने भर से स्पष्ट हो जाता है कि बात रनों की है या वर्षों की ।

मेरी जानकारी में संस्कृत एवं हिंदी में शतक का प्रयोग क्रिकेट के रनों की संख्या के संदर्भ में तो आम तौर पर होता ही है, किंतु सौ वर्षों को व्यक्त करने के लिए इसका इस्तेमाल मैंने कम ही देखा है, यद्यपि ऐसा किया जा सकता है । इन भाषाओं में वर्ष शब्द का उल्लेख अधिकांशतः स्पष्ट रहता है । संस्कृत में प्रायः अब्द (= वर्ष) प्रयुक्त होता है । तदनुसार शताब्द = (शत+अब्द) सौ वर्षों के अंतराल को इंगित करना है । संस्कृत में सामासिक शब्द शताब्द का वैकल्पिक रूप शताब्दी भी है । हिंदी में कदाचित् शताब्दी ही लोगों के द्वारा प्रयोग में अधिक लिया जाता है ।

संस्कृत में शताब्द या शताब्दी के लिए शतवर्ष अथवा वर्षशत भी विकल्पतः उपलब्ध हैं, किंतु इन्हें हिंदी में मैंने नहीं देखा-सुना है । हिंदी में फारसी मूल के सदी शब्द, जो वस्तुतः सैकड़े को इंगित करता है, का इस्तेमाल भी आम प्रचलन में है ।

जैसा पहले कहा गया है संस्कृत-हिंदी में शताब्दी एवं अंग्रेजी में सेंचुरी सौ वर्षों के समूह को व्यक्त करता है । सैद्धांतिक दृष्टि से इस सौ वर्ष के अंतराल का आंरभ किसी भी वर्ष से आरंभ हो सकता है, जैसे 1934 से 2033 तक (दोनों) शामिल । किंतु ऐसा प्रयोग लगभग नहीं के बराबर दिखता है; कदाचित् इसकी आवश्यकता कम रहती है । ये शब्द अधिकतर मौकों पर विशिष्ट अर्थ में प्रयुक्त होते हैं, जैसे ईसवी सन् 1901 से 2000 तक । इस प्रकार के प्रयोग में पूरे काल को 20वीं शताब्दी, सदी अथवा सेंचुरी के नाम से पुकारा जाता है । याद रहे कि आम बोलचाल में गिनतियां 1 से प्रारंभ की जाती है और सैकड़ा (100) तक पहुंचने पर 100 पूरे हो जाते हैं । शताब्दी का इस प्रकार परिभाषित किया जाना स्वाभाविक एवं आम समझ के अनुरूप लगता है ।

आजकल कुछ लोग शताब्दी को शून्य से गिनना अधिक उपयुक्त मानते हैं । उनके अनुसार 20वीं सदी को 1900 से 1999 तक गिना जाना चाहिए । कंप्यूटर विज्ञानियों की दृष्टि में इसे तर्कसंगत कहा जाएगा, क्योंकि वे गिनतियां 0 से आंरभ करते हैं (वर्ष yy00 से yy99) । लेकिन सदी/शताब्दी की पारंपरिक परिभाषा पहले वाली ही है । संप्रति हम 21वीं (सन् 2001 से 2100) में चल रहे हैं ।

दशक, दशाब्द, डेकेड (decade)

अब मैं दशक शब्द पर आता हूं, जो मेरी चर्चा के केंद्र में है । दशक, जिसे अंग्रेजी में डेकेड कहा जाता है, मूलतः दहाई की संख्या को व्यक्त करता है । किंतु व्यवहार में यह ऐतिहासिक या राजनैतिक घटनाओं के संदर्भ में शताब्द या सेंचुरी की भांति विशिष्ट अर्थ में स्थापित हो चुका है । यह 10 वर्षों के अंतराल को दर्शाता है, जो सामान्यतः किसी भी वर्ष से आरंभ हो सकता है, यथा सन् 1998 से 2007 (दोनों सम्मिलित) । ऐसी स्थिति में यह स्पष्ट करना आवश्यक होगा कि वक्ता/लेखक का तात्पर्य किस अंतराल से है । मैंने हिंदी लेखों या संभाषणों में दशाब्द/दशाब्दी का प्रयोग शताब्द/शताब्दी की तरह नहीं देखा-सुना है । कदाचित् इसके स्थान पर दशक ही अधिक लोकप्रिय हो चुका है । जब हम छठे-सातवें दशक अथवा साठ-सत्तर के दशक आदि की बात करते हैं तो समय का अंतराल स्वयं परिभाषित हो जाता है । परंतु पाठकों/श्रोताओं की शंका यह हो सकती है कि संबंधित दशक का आरंभ किस वर्ष से माना जाए । इस शंका का समाधान खोजने के लिए मैं इनके सदृश अंग्रेजी के शब्दों की चर्चा का सहारा ले रहा हूं ।

अंग्रेजी में ट्वेंटीज्, थर्टीज्, … नाइंटीज् (twenties, thirties, … nineties) का प्रयोग आम प्रचलन में है । परिभाषा के अनुसार (जैसा शब्दकोशों में देखने को मिलता है) सिक्स्टीज् का अर्थ है वे संख्याएं जिनमें सिक्स्टी यानी साठ (60) मौजूद है, या दूसरे शब्दों में वे जो सिक्स्टी में शून्य से लेकर नौ तक के अंक जोड़ने से प्राप्त होते हैं । ये हैं सिक्स्टी से लेकर सिक्स्टी-नाइन तक, अर्थात् साठ से लेकर उनहत्तर तक । संयोग से इस पद्धति के अनुसार बीस के नीचे के दशक के लिए उपयुक्त शब्द उपलब्ध नहीं है ।

संख्याओं को व्यक्त करने की जो दशमलव प्रणाली हिंदी-संस्कृत में प्रचलित है मूल रूप से वही अंग्रेजी में भी प्रयुक्त होती है । इसलिए अंग्रेजी में दशकों का जैसे नामकरण किया गया है ठीक उसी के तुल्य हिंदी में भी होना चाहिए । तदनुसार मैं समझता हूं कि सिक्स्टीज् को साठ का दशक कहा जाना चाहिए, अर्थात् वे संख्याएं जो साठ में 0 से लेकर 9 तक जोड़ने से मिलती हैं । दूसरे शब्दों में साठ से लेकर उनहत्तर तक के काल को साठ का दशक कहा जाना चाहिए । इसी प्रकार बीस, तीस, आदि के दशक भी परिभाषित होंगे । वस्तुतः देखा जाए तो अंग्रेजी के सिक्स्टी-वन, सिक्स्टी-टू, सिक्स्टी-थ्री … में जो भाव व्यक्त होते हैं वही हिंदी के इकसठ, बासठ, तिरसठ … में भी निहित हैं । वस्तुतः ये संख्याएं एक-साठ, दो-साठ, तीन-साठ … के ही विकारग्रस्त उच्चारण वाले यानी अपभ्रंश शब्द हैं । इन संख्याओं में साठ की ध्वनि सठ के रूप में देखने को मिलती है ।

निष्कर्ष यह है कि हिंदी का साठ का दशक अंग्रेजी का सिक्स्टीज् है और साठ से लेकर उनहत्तर के अंतराल को इंगित करता है ।

यह सुझाया जा सकता है कि उनसठ (59) के सठ को अहमियत देते हुए उनसठ से अढ़सठ तक के अंतराल को साठ का दशक माना जाना चाहिए । ऐसा करना समीचीन नहीं होगा । ध्यान दें कि उपरिपरिभाषित साठ के दशक का अंतिम सदस्य उनहत्तर है, जो उच्चारण और निहितार्थ के अनुसार साठ के कम और सत्तर के अधिक निकट प्रतीत होता है । इसका कारण है संख्या 69 के लिए संस्कृत में स्वीकृत नाम एकोनसप्तति = एक+ऊन+सप्तति है, जिसमें ऊन का अर्थ है कम या घटाकर और सप्तति माने सत्तर । एकोनसप्तति = एक-कम-सत्तर । एकोनसप्तति का ऊनसप्तति होते हुए अपभ्रंश बन गया उनहत्तर । संस्कृत का इसे दोष कहें या विशिष्टता कि इस भाषा में उन्नीस, उनतीस … को बड़े तर्कसंगत तरीके से लिखा तो जाता है 19, 29, …, अंक 9 के प्रयोग के साथ, ठीक वैसा ही जैसे 11, 12, …21, 22, … आदि, किंतु बोला जाता है एक-कम-बीस, एक-कम-तीस … के अनुरूप । इन प्रश्नगत संख्याओं को नवदश (या नौदस), नवबीस (या नौबीस) … जैसे संबोधनों से पुकारा जा सकता है । ऐसा क्यों नहीं हुआ इसका कारण खोजना ऐतिहासिक शोध का विषय है ।

एक और बात ज्ञातव्य है । संस्कृत में 10 से 19 तक की संख्याएं क्रमशः दश, एकादश, द्वादश, … अष्टादश, एकोनविंशति लिखे जाते हैं । (एकोनविंशति को सिद्धांततः नवदश लिखा जा सकता है, पर लिखा नहीं जाता!) । स्पष्ट है कि ये सम्मिलित रूप से दश का दशक परिभाषित करते हैं । मैं समझता हूं कि हिंदी के ग्यारह, बारह, … इनके ही अपभ्रंश है । दश के विकृत रूप दह (मराठी में दहा) के आधार पर चौदह और चतुर्दश के बीच का संबंध काफी साफ नजर आता है ।

अब छठे या सातवें दशक का क्या अर्थ समझा जाए इसकी चर्चा । जैसा पहले कहा गया है पारंपरिक तौर पर 1 से 100 तक का अंतराल एक शतक बनाता है । इसे दशकों में तर्कसंगत तरीके से बांटने का मतलब होगा कि 1 से लेकर 10 तक के अंतराल को पहला दशक, 11 से 20 तक दूसरा दशक आदि परिभाषित करना । तदनुसार छठा दशक 51 से 60 तक और सातवां 61 से 70 तक के अंतराल को व्यक्त करेंगे ।

इस विमर्श से स्पष्ट है कि सातवां दशक (61 से 70) और साठ का दशक (60 से 69) लगभग समान हैं किंतु ये पर्याय  नहीं हैं । आवश्यक नहीं है कि यह बारीक अंतर सदैव बहुत माने रखे ।

सहस्राब्द (millennium)

दशक एवं शताब्द की तर्ज पर सहस्राब्द की परिभाषा भी प्रचलन में है । एक हजार वर्ष के काल को सहस्राब्द कहा जाता है । जब पहले-दूसरे सहस्राब्द की बात होती है तो विशिष्ट अर्थ ग्रहण कर लेते हैं । सन् 1 से सन् 1000 तक का कालखंड पहला सहस्राब्द । इस समय बीते 2001 से आरंभ हुई तीसरी सहस्राब्दी चल रही है ।

अगली पोस्ट में सप्ताह, साप्ताहिक दिवस, ग्रह, छायाग्रह आदि की चर्चा की जायेगी । – योगेन्द्र जोशी